म्यांमार के मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2023 में आपातकाल खत्म कर दिया जाएगा और आम चुनाव कराए जाएंगे। मैं मौजूदा संकट के पॉलिटिकल हल के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ सहयोग को तैयार हूं।


टेलीविजन पर रविवार को दिए अपने संदेश में जनरल हलिंग ने कहा कि हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का माहौल बनाना होगा। हमें इसकी तैयारी में जुट जाना है। मैं बहुदलीय चुनाव कराने का वादा करता हूं।


1 फरवरी को मिलिट्री ने किया था तख्तापलट

म्यांमार में सेना ने इसी साल एक फरवरी की आधी रात तख्तापलट कर दिया था। वहां की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही पूरे देश में सेना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। इस दौरान हुए खूनी संघर्ष में अब तक 940 लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं।


तख्तापलट क्यों हुआ?


पिछले साल नवंबर में म्यांमार में आम चुनाव हुए थे। इनमें आंग सान सू की पार्टी ने दोनों सदनों में 396 सीटें जीती थीं। उनकी पार्टी ने लोअर हाउस की 330 में से 258 और अपर हाउस की 168 में से 138 सीटें जीतीं।

म्यांमार के मुख्य विपक्षी दल यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी ने दोनों सदनों में मात्र 33 सीटें ही जीतीं। इस पार्टी को सेना का समर्थन हासिल था। इसके नेता थान हिते हैं, जो सेना में ब्रिगेडियर जनरल रह चुके हैं।

नतीजे आने के बाद वहां की सेना ने इस पर सवाल खड़े कर दिए। सेना ने चुनाव में सू की की पार्टी पर धांधली करने का आरोप लगाया। इसे लेकर सेना ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति और चुनाव आयोग की शिकायत भी की।

चुनाव नतीजों के बाद से ही लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार और वहां की सेना के बीच मतभेद शुरू हो गया। अब म्यांमार की सत्ता पूरी तरह से सेना के हाथों में है। तख्तापलट के बाद वहां सेना ने 2 साल के लिए इमरजेंसी का भी ऐलान कर दिया है।

आंग सान सू की को राजनीति से दूर करने की कोशिश

तख्तापलट के बाद सैन्य शासन ने सू की के ऊपर कई तरह के आरोप लगाए हैं। अवैध रूप से वॉकी-टॉकी रेडियो रखने और कोरोना वायरस प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप में उनके खिलाफ फिर से कोर्ट का ट्रायल चलने वाला है। माना जा रहा है कि मिलिट्री सू की को कई मामलों में फंसाकर राजनीति से दूर करना चाहती है।


आसियान दूत के साथ मिलकर करेंगे काम: हलिंग

हलिंग ने स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल (SAC) की अध्यक्षता की, जो तख्तापलट के ठीक बाद बनाई गई थी। यही काउंसिल 1 फरवरी से म्यांमार का शासन चला रही है। अब केयरटेकर गवर्नमेंट इसकी जगह लेगी। हलिंग ने कहा कि उनका प्रशासन एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) की ओर से भेजे गए विशेष दूत के साथ काम करने को तैयार है।